भगवानपुर R.N.I.इंटर कॉलेज में दो सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में बड़ा घोटाला , मोटी रकम वसूलकर कर दी नियुक्ति,पात्र अभ्यर्थी का नही हुआ चयन,चयन समिति पर लगे आरोप।

भगवानपुर । आर. एन. आई. इंटर कॉलेज भगवानपुर में दो सहायक अध्यापकों की नियुक्ति खंड शिक्षा अधिकारी भगवानपुर जिन्हें वि राघव मल इंटर कॉलेज का प्रबंध संचालक भी बनाया हुआ है इन्होंने और मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार ने मिलकर एक गैंग की तरह विद्यालय में नियुक्तियों का खेल खेला है ज्ञात हुआ है की संस्कृत सहायक अध्यापक पद पर तो मुख्य शिक्षा अधिकारी ने अनुमोदन भी दे दिया है जिसमें मोटी रकम वसूली गई है जिसका सबूत इस बात से मिलता है कि मेरिट लिस्ट के पहले स्थान पर रहने वाले अभ्यर्थी को अनदेखा कर चौथे नंबर के आदमी को नियुक्ति प्रदान की गई है परंतु व्यायाम शिक्षक की नियुक्ति में खेल अभी भी चल रहा है।कॉलेज में पहले भी नियुक्तियों में हो चुके हैं घोटाले।

आश्चर्य इस बात का है कि इस खेल में नियुक्ति के समय मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार ने जिन्हें आब्जर्वर नियुक्त किया था उन्हें जो रिपोर्ट पर्यवेक्षक संबंधी भेजनी थी वह तो भेज नहीं पाए रिपोर्ट में मेरिट लिस्ट के प्रथम स्थान के युवक पर शैक्षिक योग्यता की रिपोर्ट भेज कर नियुक्ति को अटखाने का काम किया है जबकि शैक्षिक योग्यता आदि की जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उनकी देखरेख में उनके द्वारा गठित समिति द्वारा की जाती है उक्त समिति द्वारा जांच में शैक्षिक योग्यता पूरी होने पर ही किसी आवेदक को मेरिट लिस्ट में सम्मिलित किया जाता है अचंभा इस बात का है कि जिस युवक का चयन हुआ है तथा चयन समिति द्वारा जिस युवक का चयन किया गया है उसी की शैक्षिक योग्यता को खंड शिक्षा अधिकारी भगवानपुर ने अपने मित्र खंड शिक्षा अधिकारी मंगलौर जॉकी इस में पर्यवेक्षक के नाते आए थे उन्होंने अपनी रिपोर्ट में शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाए हैं जिस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी जो कि इस गैंग के सुपर लीडर हैं उन्होंने सहमति जताकर आपत्ति लगा दी संस्कृत पद पर तो अनुमोदन भी दे दिया तथा व्यायाम शिक्षक के अनुमोदन पर कोई समिति गठित कर दी है ऑब्जर्वर का कामसाक्षात्कार के समय निष्पक्षता को ध्यान रखना है जबकि शैक्षिक योग्यता को मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा विशेषागों की गठित समिति द्वारा जांचा परखा जाता है लेकिन विद्यालय के प्रबंध संचालक के ऑब्लिगेशन से नारसन खंड के खंड शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी को भिजवाई जिसमें मुख्य शिक्षा अधिकारी भी इस गैंग में पूरी तरह से शामिल बताएं जा रहे हैं चर्चा है कि टॉप सेवन में प्रथम स्थान का अभ्यर्थी सुदूर कुमायूं मंडल से है जो पैरवी नहीं कर पा रहा है मेरिट लिस्ट में 6 आवेदकों से 9 अंक अधिक होने के कारण उक्त का चयन अनिवार्य रूप से होना है परंतु विद्यालय का प्रबंध संचालक एवं मुख्य शिक्षा अधिकारी के गैंग का निशान 40 लाख पर है जिसके चलते मुख्य शिक्षा अधिकारी ने चयनित अभ्यर्थी का अनुमोदन करने की बजाय अल्मोड़ा के इस युवक की नियुक्ति के चयन में जांच का खेल शुरू कर दिया है चयनित युवक ने प्रबंध संचालक और मुख्य शिक्षा अधिकारी को टॉप पर होने के कारण पैसे देने से मना कर दिया था उक्त चयनित युवक ने बताया कि वह प्रकरण को उच्च न्यायालय में ले जा रहा है तथा वहीं पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा

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