
भगवानपुर /क्षेत्रीय संवाददाता
भगवानपुर क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे डग्गामार अस्पताल और क्लीनिक आम जनता की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिना मान्यता, बिना प्रशिक्षित डॉक्टर और बिना आधुनिक उपकरणों के इलाज करने वाले ये अस्पताल न सिर्फ़ कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं, बल्कि मरीजों की जान के लिए खतरा भी बने हुए हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन अस्पतालों में छोटे-मोटे इलाज से लेकर बड़ी सर्जरी तक कर दी जाती है। कई बार गंभीर मरीजों की हालत बिगड़ने पर उन्हें बड़े अस्पताल में रेफ़र किया जाता है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
गांव-गांव और कस्बों में चल रहे ऐसे दर्जनों अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग की सीधी अनदेखी सवाल खड़े करती है। लाइसेंस चेकिंग और औचक निरीक्षण के नाम पर सिर्फ़ कागजी कार्रवाई होती है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई नहीं दिखती।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे अस्पतालों की तुरंत जांच कराई जाए, बिना पंजीकरण वाले अस्पतालों को सील किया जाए और मरीजों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।